Balika Sambal Yojna : दो पुत्रियों के होने पर करा लें ये काम, सरकार देगी 60 हजार कैश और 2 लाख का सुरक्षा कवर! जानें शर्तें
Balika Sambal Yojna :– राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री बालिका संबल योजना शुरू की है, जिसके तहत दो बेटियों के जन्म के बाद नसबंदी कराने पर प्रत्येक बालिका के नाम पर 30,000 रुपये जमा किए जाएँगे।
राजस्थान में गिरते लिंगानुपात को सुधारने और बेटियों को सामाजिक और आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए, राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री बालिका संबल योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, यदि कोई दम्पति दो बेटियों के जन्म के बाद नसबंदी कराता है, तो स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक बालिका के नाम पर सुकन्या समृद्धि खाते या डाक विभाग की अन्य लघु बचत योजनाओं में 30,000 रुपये जमा करेगा।
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Balika Sambal Yojna इसके अलावा, दम्पति को 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा लाभ भी मिलेगा। इस योजना का उद्देश्य न केवल बेटियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि समाज में बेटियों के प्रति सोच में सकारात्मक बदलाव लाना भी है। इस योजना के तहत अब तक कई पात्र दम्पतियों की बेटियों के खातों में धनराशि जमा हो चुकी है, जिसका असर धीरे-धीरे ज़मीनी स्तर पर दिखाई देने लगा है।
21 वर्ष की आयु के बाद आप जमा राशि निकाल सकते हैं। : Balika Sambal Yojna
इस योजना को प्रभावी बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मार्च में डाक विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत पात्र बालिकाओं के नाम पर निवेश सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि भविष्य में उनकी शिक्षा, विवाह या अन्य आवश्यकताओं के लिए आर्थिक सहायता मिल सके। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जमा की गई राशि 21 वर्ष की आयु के बाद पूरी निकाली जा सकती है। साथ ही, 18 वर्ष की आयु में बालिकाओं की उच्च शिक्षा या विवाह के लिए आंशिक निकासी की सुविधा भी दी गई है।
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Balika Sambal Yojna का लाभ केवल इन शर्तों के तहत ही मिलेगा।
इस योजना का लाभ केवल उन्हीं दम्पतियों को मिलेगा जो राजस्थान के मूल निवासी हैं और जिनके घर में केवल दो बेटियाँ हैं। दम्पति ने किसी सरकारी मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल या किसी अधिकृत एनजीओ से नसबंदी करवाई हो। साथ ही, बालिकाओं की अधिकतम आयु पाँच वर्ष ही होनी चाहिए। आवेदन उसी जिले में किया जा सकता है जहाँ नसबंदी हुई हो। सरकार का मानना है कि इस योजना से न केवल बेटियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि समाज में बेटे-बेटियों के बीच समानता की भावना भी विकसित होगी। योजना की जानकारी अधिक से अधिक पात्र परिवारों तक पहुँचाने के लिए सरकार द्वारा जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।



